गुलाबी शहर – जयपुर
गुलाबी रंग में रंगा है, एक सपना सा नगर,
इतिहास की कहानियाँ, कहता है हर पत्थर।
आमेर का किला गूंजे, वीरता की बातों से,
हवा महल की खिड़कियाँ, बोलें रानी रातों से।
चौड़ी सड़कें, सुंदर बाज़ार, हस्तकला का मेल,
जौहरी बाज़ार में दिखता, पारंपरिक खेल।
सांस्कृतिक रंगों की बौछार, जैसे कोई त्यौहार,
लोकगीत, घूमर की छवि, करती सबका सत्कार।
जंतर-मंतर की गणनाएँ, विज्ञान का गर्व,
सिटी पैलेस की दीवारें, सजीव करें हर पर्व।
ऊँट की सवारी, रेत की बात,
जयपुर की खुशबू, बाँधे हर बात।
राजस्थानी स्वाद, दाल-बाटी की थाली,
मिट्टी में बसी है, परंपरा निराली।
जयपुर न केवल शहर है, एक जीवंत एहसास,
गुलाबी दिलों की बस्ती, सजीव इतिहास।
– मीनाक्षी सिंह
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